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पेमेंट गेटवे क्या हैं? यह कैसे काम करता हैं

कुछ साल  पहले  पैसे  का  लेन  देन  सिर्फ  कॅश  या  बँक  से  हि  होता  था  जब  से  ऑनलाईन  पेमेन्ट / ट्रांझॅक्शन  का  चलन  बढा है  तभी  से पेमेंट गेटवे  को  महत्व  आया  है  इस से  अकाउंटिंग  करणे  कि  पद्धती  भी  बदल  गयी  है   इस लिये  पेमेंट गेटवे  क्या है  और  कैसे  काम  करता  है  ये   समझना  जरुरी  है 

पेमेंट गेटवे एक ऐसी सर्विस है जिसके जरिये किसी भी ई कॉमर्स बिज़नेस में ग्राहक द्वारा ऑनलाइन स्टोर को क्रेडिट कार्ड या डेविड कार्ड से पेमेंट किया जाता है| जिसमें ग्राहक द्वारा ऑनलाइन भेजा गया पैसा सीधे स्टोर मालिक के बैंक खाते में पहुँच जाता है|पेमेंट गेटवे वह सेवा है जो आपके क्रेडिट कार्ड के सभी लेन-देन को आपके क्रेडिट कार्ड प्रोसेसर में भेजती है यह आपको अपने क्रेडिट कार्ड प्रोसेसर से एक मैसेज भी भेजता है जिससे आपको पता चलता है कि ट्रांजिकशन हो गया है।

पेमेंट गेटवे एक ई-कॉमर्स सॉफ्टवेयर है जो ऑनलाइन व्यापारियों, ई-व्यवसायों या इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय, और मोर्टार व्यवसायों के लिए पेमेंट को अधिकृत करता है। पेमेंट गेटवे व्यापारियों और ग्राहकों के बीच तीसरा पक्ष होता है जो ग्राहकों से पैसे सुरक्षित रूप से लेता है और इसे व्यापारियों के बैंक खाते में भेजता हैं|

पेमेंट गेटवे ईकॉमर्स वेबसाइट पर बिक्री प्रक्रिया का अंतिम चरण है। इसके बिना आप अपनी वेबसाइट से आइटम खरीदते समय अपने ग्राहकों को सुरक्षित रूप से चार्ज नहीं कर सकते|

एक भुगतान गेटवे एक भुगतान पोर्टल (जैसे कि एक वेबसाइट, मोबाइल फोन या इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सर्विस) और फ्रंट एंड प्रोसेसर या एक अधिग्रहण बैंक के बीच जानकारी के हस्तांतरण द्वारा पेमेंट ट्रांजिक्शन की सुविधा प्रदान करता है।

 सरल चरणों में, पेमेंट गेटवे:

 1. क्रेडिट कार्ड से लेन-देन करता है|
 2. लेनदेन की जानकारी को एन्क्रिप्ट करता है|
 3. इसे क्रेडिट कार्ड प्रोसेसर में रूट करता है और फिर;
 4. कोई स्वीकार या अस्वीकार सूचना देता है।

इस तरह, आपके ग्राहक को तुरंत पता चल जाता है कि उनका क्रेडिट कार्ड स्वीकृत हुआ है या नहीं।

ऐसी बहुत सारी  कंपनी  है जो ये सुविधा प्रदान  करती है. जिसमे ये कंपनीयोनको  हमें ट्रान्झॅक्शन  के हिसाब से शुल्क पे करना पड़ता है. हर कंपनी  के ट्रान्झॅक्शन शुल्क अलग अलग होते है. पेमेंट गेटवे  एक सुरक्षित तरीके से पैसा को ट्रान्सफर  कर सकते है और ग्राहक, बँक   और e- commerce website के बीच में जो ये पैसे की लेन देन होती है पेमेंट गेटवे  कहते है.

पेमेंट गेटवे  की जरुरत ग्राहक  को नहीं पड़ती. जो e-commerce service provide करता है, उसे के लिए ये जरुरी है. जो ये Flipkart और Amazon जैसे बड़ी e-
commerce company customer से पैसे कैसे लेते है. अगर आप को भी e-commerce business करना है तो आपको पेमेंट गेटवे लेना ही पड़ेगा.

पेमेंट गेटवे कैसे काम करते हैं? (How does Payment gateway Work)

एक ग्राहक के रूप में, पेमेंट गेटवे सरल और सीधा है। आप ईकामर्स साइट पर जाएँ, जो आइटम आप चाहते हैं, उन्हें अपने कार्ट में जोड़ें और चेकआउट करें। आप अपनी पेमेंट जानकारी दर्ज करें और अपने ऑर्डर की पुष्टि करें। इसके बाद कुछ दिन के अन्दर आपका सामान आपके घर पर आ जायेगा| गेटवे प्रक्रिया इन चरणों का पालन करती है।

1) Payment gateway ऐसा काम करता है जैसे की cash counter पर cashier का काम होता जो की customer से पैसे लेके owner तक पहुंचाता है. उसी तरह Payment gateway काम करता है. जो की एक cashier की भूमिका निभाता है.

2) जब user वेबसाइट पर कोई product select करके उसे add to cart में डालता है  उसके बाद customer के सामने buy now या फिर checkout  का option आता है. जब customer उसपर click करता है उसी समय payment gateway active हो जाता है. असल में ये Product की जानकारी के साथ-साथ User को Pay Button भी Show करता है.

3) उसके बाद payment gateway user से बैंक payment information को लेकर SSL (secure socket layer) data encryption का काम करता है. और जो
encrypted data है उसे सही bank को send कर देता है. इससे होता ये है की secure encrypted layer सुरक्षित होता जाता है.

4) ये जो process  है ये एक server पर होती है. Bank Server User से उसकी Credit/Debit Card की Details भरने को कहता है और इसके बाद user ने जो
जानकारी bank को provide की है वो सही है या गलत उसे Verify करता है.

5) अभी ये सभी process payment gateway के Back-end (पीछे) में होती है. उसी तरह उपर के सभी process complete होने के बाद user को website पर दिख जाता है की payment success हुआ है या Failed. ये सभी काम कुछ seconds में ही हो जाता है.

6) उसके बाद user  को website पर payment completion का message आता है. Finally completion के बाद ये सारी information merchant account
में जाती है और payment gateway company उनके tax अनुसार पैसे काट कर ecommerce company owner को भेज देती है.

Payment Gateway कितने Types के होते है?

1. Hosted payment gateways:
Hosted payment gateway में ग्राहक को आपकी website के checkout page  से दूर निर्देशित करते हैं. आप ने देखा होगा की जब कभी आप online payment करते है तो payment complete होने के बाद फिर से आपको website पर redirect किया जाता है. ये Process hosted payment में होती है. जब ग्राहक link पर क्लिक करता है, तो उन्हें Payment Service Provider (PSP) page पर redirect किया जाता है. इसका सबसे प्रसिद्ध उदाहरण PayPal है. 

ये पेमेंट gateway बहुत ही Secure transaction करता है और आम तौर पर ग्राहक धोखाधड़ी की सुरक्षा प्रदान करते हैं. ज्यादातर users  इस प्रकार के payment gateway से परिचित हैं, और इसका setup करना भी आसान होता है.

2. Self-hosted payment gateways:
इस type के payment gateway में merchant(व्यापारी) websites के भीतर ग्राहक से payment details को जमा करते है. सभी payment जानकारी जमा होने के बाद एकत्रित data को payment gateway के URL पर भेजा जाता है. बहुत से ऐसे gateway होते है जिन्हे एक विशिष्ट प्रारूप में प्रदान करने की आवश्यकता होती है जबकि अन्य को hash key या फिर secrete key की आवश्यकता होती है. इसका सबसे प्रसिद्ध उदाहरण Shopify है 

ये gateway का फायदा ये है की अच्छा ग्राहक अपनी payment पूरा लेनदेन एक ही स्थान पर पूरा कर सकता है. और अगर नुकसान की बात करे तो आम तौर पर self-hosted किए गए gateway में तकनीकी सहायता team नहीं होती है, जिससे आप system पर असफल होने के संभावना बढ़ती है. आपको खुद को समझना होगा की इस समस्या को स्वयं कैसे हल करें या फिर आपको एक professional को किराए पर लेना पड सकता है जो महंगा हो सकता है.

3. API hosted payment gateways: 
API payment gateway में ग्राहक सीधे अपने merchant के checkout page पर credit या debit card की जानकारी दर्ज कर सकते है. और जो भी पैसे की
transaction होगी वो ये API(Application Programming interface) की मदद से होगी. इसमें HTTPS (Hypertext transfer protocol) प्रश्नों का उपयोग भी किया जाता है.

ये gateway का फायदा ये है की ग्राहक के अनुभव के नुसार payment के लेन देन पर पूर्ण नियंत्रण होता है. और ये payment gateway का Mobile, Tablet आदि के साथ भी उपयोग किया जा सकता है. केवल Security के दॄष्टि से देखे तो इसके लिए SSL(Secure service layer) certificate खरीदनी पड़ती है और ये जिम्मेदारी merchant की होती है.

4. Local bank integration:
इस payment gateway में ग्राहक को Payment gateway की website (बैंक की वेबसाइट) पर redirect किया जाता है जहाँ वे अपना payment details और contact
details दर्ज कर सकते है. payment करने के बाद, ग्राहक को redirection पर भेजे गए payment अधिसूचना data के साथ merchant website पर वापस redirect किया जाता है.

इसका setup करना बहुत ही आसान होता है और तुरंत हो जाता है. इसका उपयोग छोटे व्यवसायों के लिए अच्छा है. जिन्हें साधारण एक-बार(one-time payment) संरचना की आवश्यकता होती है. तो ये सभी Payment gateway के types देखने के बाद आपको ये तो समझ आ गया होगा की
कौनसा Payment gateway किस तरह का काम करता है.

भारत में सबसे बेहतरीन पेमेंट गेटवे कंपनी –

  CCAvenue, PayPal, Instamojo, PayTm, PayUmoney, Citrus, PayUBiz, Direcpay, Zaakpay, Bill Desk, Atom Paynetz

 

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